Neelam Pehanne ki Vidhi (नीलम धारण करने की विधि)
नीलम
धारण करने की विधि !!
!! अंगूठी
का शुद्धिकरण!!
अंगूठी का शुद्धिकरण और प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए सबसे पहले अंगूठी को शुक्रवार की रात को गंगाजल, कच्चा दूध, शहद
और शक्कर के घोल में डूबा कर रखे ! फिर पांच अगरबत्ती शनिदेव के नाम पे जलाए और प्रार्थना करे की "हे
शनिदेव मैं आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न धारण कर रहा हूँ मुझे आशीर्वाद प्रदान करे !!
शनिवार
को सुबह नौ बजे पूजा कक्ष में बैठ जाए ! अपने सामने पांच कटोरी रख ले ! एक
में शहद, दूसरी में घी और चीनी का मिश्रण , तीसरी में दही , चौथी
में कच्चा दूध और पांचवी कटोरी में गंगाजल ले !!
निचे दिए गए
मंत्रो का उच्चारण करते हुए प्रत्येक कटोरी में से
अंगूठी को निकालते रहे ! और ऐसा
पांच बार करे
! इसके बाद सुलगते हुए कोयले पर
2-3 लौंग
रख दे और
उसके धुंए में
अंगूठी को 3
बार घुमाए !! और
भगवान शनिदेव और
शिव जी
के चरणों को
स्पर्श कराते हुए
ठीक सवा नौ
बजे मध्यमा अंगुली में
धारण करे !!
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
अथवा
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
नीलम
को धारण करने के पश्चात सामान्यतः 3 से 6 मास
की अवधि में एक बार अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए ! क्यों की ऐसा ना करने पर आपके रत्न पर जमी धुल इसे वातावरण में फैली सकारात्मक ऊर्जा तरंगो को आपके शरीर में स्थानांतरित करने में बाधा उपस्थित कर सकती है ! जिससे
आपका रत्न पूर्ण रूप से आपको लाभ प्रदान नहीं कर पता है
Note:- नीलम धारण करने के 30 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और लगभग 4 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है !
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