Saturday, 4 February 2023

रामेश्वरम मदुरई तिरुपति श्रीसैलम यात्रा अनुभव !

 

1.     रामेश्वरम:

26 दिसंबर 2022, दिन सोमवार को हम रात के करीब 10:00 बजे रामेश्वरम पहुंचे ! अधिक रात होने के कारण हम लोगो ने रुकने  के लिए तमाम होटल और धर्मशालाए देखना शुरू किया ! सब जगह बुकिंग फुल होने के कारन कही कोई रूम नहीं मिल रहा था ! फिर अथक प्रयास से एक लॉज में चार बेड का एक कमरा मिला ! जिसका किराया 2500/- रूपये 24 घंटे का था!

 

दूसरे दिन सुबह (27-12-2023) हम लोग मंदिर के पास वाले समुन्द्र  में नहाने के लिए निकल गए ! जिसको अग्नितीर्थम का नाम दिया है ! ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पहले अग्नितीर्थम स्नान जरुरी है ! अग्नितीर्थम करने के बाद हम लोग  22 कुंड में नहाने की लाइन में लग गए ! वहां पर कुछ लोग होते है जो की कुंड नहलाने के बाद दर्शन करवाने की बात करते हैऔर उसके लिए मोटा पैसा चार्ज करते है ! प्रत्येक आदमी का 1500-2000 रूपये लेते है ! चूँकि हमारे पास पर्याप्त समय था ! तो हमने नॉमिनल चार्ज  वाली लाइन का रास्ता चुना ! 22 कुंडो पर सरकारी आदमी रहता है जो सबके उप्पेर पानी डालता रहता है !

बाइस कुंडो में स्नान के बाद हम लोग अपने होटल के रूम में आ गए ! कमरे में आने के बाद हम लोगो ने अपने गीले कपडे बदले और फिर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए फ्री  दर्शन वाली  लाइन में लग गए ! करीब 2-3 घंटे में ही दर्शन हो गए ! दर्शन करने के बाद हम लोगो ने थोड़ा नाश्ता किया और फिर हम धनुष्कोडी के लिए निकल गए ! लोकल रामेश्वरम के मंदिर घूमे और घनुष्कोडी और रामसेतु देखने गए ! को भी हम रामेश्वरम में ही रुके ! सुबह 04:00 से 05:00 बजे मणि शिवलिंग के दर्शन होते है ! उसके लिए सुबह 3:00 बजे उठना पड़ता है !और होटल के रूम से ही नहा कर उसी मंदिर में जाना होता है, जहाँ ज्योतिर्लिंग था ! दोनों शिवलिंग आस पास ही है ! मणि शिवलिंग के दर्शन के बाद वापिस रूम पर आये और फिर बस से मदुरई जाने का फैसला किया!

 

2.     मदुरई दर्शन :

रामेश्वरम से करीब 12:00 बजे (28-12-2022) हम लोग बस से मदुरई के लिए निकले ! रास्ता बहुत अच्छा है ! करीब दो घंटे के सफर के बाद हम लोग लोग मदुरई पहुंचे ! बस स्टैंड से एक ऑटो किया और मंदिर के पास जाने का बोला ! मदुरई में मिनाक्षी अम्मा टेम्पल है ! मदुरई में हमें 1200 रूपये प्रत्येक दिन के हिसाब से कमरा किराये पर मिल गया ! मदुरै में हम  लोगो ने थोड़ा आराम किया और करीब शाम के 04:00 बजे मंदिर में लाइन में लग गए ! यहाँ पर भी हमने फ्री दर्शन वाली लाइन को चुना ! जो करीब 4 से 5 घंटे में दर्शन के लिए नंबर आया ! दर्शन  के लिए यहाँ  थोड़ा समय ज्यादा लगा ! करीब 9:30 बजे हम दर्शन करके फ्री हो गए और फिर होटल के कमरे के आकर आराम किया ! और दूसरे दिन सुबह हम मदुरई लोकल दर्शन के लिए निकल गए !

29-12-2022 को हमने लोकल मंदिर के दर्शन किये और शाम को बस से मदुरै से तिरुपति के लिए रवाना हो गए !

 

3.     तिरुपति दर्शन :

 

सुबह करीब 06:00 बजे (30-12-2022) हम लोग तिरुपति पहुंचे ! तिरुपति दर्शन के लिए आप  पहले से ही टिकट करवा लेना ! चूँकि हमारा प्लान पहले से निर्धारित नहीं था तो हमने फ्री सर्व दर्शन लाइन का चुना ! तिरुपति में ही हमने 1500 rupye प्रत्येक दिन के हिसाब से कमरा किराये पर ले लिया ! रूम में जा कर हम लोग फ्रेश हुए और नहाये ! नाश्ता करके हम सरकारी बस से तिरुपाला के लिए निकल गए ! तिरुपति से करीब दो घंटे की दुरी पर तिरुमला है ! करीब 01:00 बजे दोपहर में हम तिरुमला पहुँचे ! और तिरुमला में करीब दोपहर के 2:00 बजे हम सर्व दर्शन की लाइन में दर्शन के लिए लग गए ! एक से डेढ़ घंटे लाइन में चलने के बाद कुछ दर्शनार्थियों को वहां पर अलग अलग बने प्रतीक्षालय (वेटिंग रूम) में भेज दिया ! करिब 3:30 बजे हम लोग प्रतीक्षालय में थे ! करीब घंटे तक हम लोग तिरुपति के प्रतीक्षालय में रहे ! मंदिर की सेवा समिति की तरफ से वहां पर खाने का इंतजाम था ! छोटे बच्चो के लिए दूध का इंतजाम भी था ! जितने भी प्रतीक्षालय है उनमे नाथरूम की प्रॉपर सुविधा है ! वहां से करीब 11:00 बजे हम को आगे दर्शन के लिए भेजा गया ! कारण 1 घंटे लाइन में चलने के बाद एक जगह सभी दर्शनार्थी का फोटो होता है और वही पर उसके एक टोकन मिलता है ! जिसमे आगे रुकने वाले प्रतीक्षालय की संख्या और दर्शन करने के टाइम लिखा होता है !

हमारा भी फोटो हुआ और एक टोकन मिला, जिसपे रूम नंबर 28 लिखा था ! वहां से सिक्योरिटी चेक से गुजरते हुए हम रात के करीब 12:30 बजे प्रतीक्षालय नंबर 28 में पहुंचे ! और वहां पर विश्राम किया ! सुबह 6:30 (31-12-2022)  बजे आगे बढ़ने के लिए प्रतीक्षालय का दरवाजा खोला गया ! और करीब 7:15 पर हमें प्रभु वेंकटेश्वर बालाजी के दर्शनों का लाभ प्राप्त हुआ ! जो टोकन दर्शन के लिए मिलता है, उसी टोकन के जमा करवाने पर आपको लड्डू का प्रसाद मिलता है !

हल्का फुल्का नाश्ता करके हम लोग तिरुमला से सरकारी बस के माध्यम से वापिस तिरुपति अपने होटल में गए ! रात के थके होने के कारण सब लोग सो गए ! क्यों की शाम के 06:00 बजे तिरुपति से मारकापुर के लिए ट्रैन थी ! आगे का सफर के लिए हमें श्री शैलम जाना था, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए !!

 

4.     श्री शैलम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दर्शन

 

31-12-2022 की शाम को 06:00 बजे तिरुपति से मारकापुर केलिए ट्रैन थी ! जिसने दूसरे दिन सुबह 04:30 बजे मारकापुर पहुंचा दिया ! श्री सैलम के लिए कहीं से भी कोई भी ट्रैन उपलब्ध है ! आपको बस से सफर करना होगा ! मारकापुर रेलवे स्टेशन पर लिमिटेड बस आती है ! इसलिए हम लोगो ने स्टेशन से बस स्टैंड जाने का फैसला किया ! और वहां पर करीब 07:00 बजे हमें श्री सैलम के लिए बस मिला ! मारकापुर से श्री सैलम के लिए करीब 04 घंटे की दूरी है ! आपको पहाड़ो के ऊपर से होते हुए उनके बीच जाना होता है ! सुबह 11:00 बजे हम लोग श्री सैलम पहुंचे ! बस स्टैंड से बाहर कर बहुत सारी धमशालाओ की ठोकरे खायी लेकिन कही पर भी रूम नसीब नहीं हुआ ! कुछ ने होते हुए भी मना कर दिया ! बाद में कारण जानने पर पता चला की एक तो जो मारकापुर या किसी और स्टेशन से सवारी लेके आते है ! वो लोग वही से रूम बुक करवा देते है ! इसके लिए उन्हें बढ़िया कमीशन मिलता है और दूसरा कारण ये है की यहाँ ऊंच नीच ज्यादा मानते है तो ये हर किसी को रूम देना उचित नहीं समझते ! अब सब जगह आने के बाद हमें बस स्टैंड के पीछे ही एक सरकारी डोरमेट्री मिला ! जिसमे प्रत्येक बेड का किराया 500 रूपये था ! हम 04 बड़े लोग और 03 बच्चे थे ! तो 05 बेड लेने का निर्णय किया ! तभी डोरमेट्री वाला बोला की उसके पास एक अलग से रूम है जिसमे 06 बेड है, उसका 3000 रूपये लेगा लेकिन वो आपका अलग से होगा, और उसको आप लॉक करके भी जा सकते हो ! औरते साथ होने के कारण हमें रूम का जरुरत ज्यादा था ! क्यों की सुकून से सो सके और नहाने के बाद कपडे आराम से बदल सके ! जल्दी से रूम ले कर हम लोग फ्रेश हुए और नहाकर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के लिए वही से ही पैदल निकल गए ! बस स्टैंड से ज्यादा दुरी पर नहीं है ! और वही पर भी सर्व दर्शन लाइन को चुना और करीब  डेढ़ से दो घंटे में हमें ज्योतिर्लिंग के दर्शन मिल गए ! ज्योतिर्लिंग मंदिर के पीछे ही एक शक्ति पीठ है ! जहाँ भ्रमरम्बा देवी के दर्शन मिलते है !

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्ष द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें से सती काग्रीवा का हिस्साइस स्थान पर गिरा था

उसके बाद हम लोग मंदिर परिसर से बाहर आये और खाना खाया ! फिर कुछ देर आराम करने के बाद लोकल ऑटो की मदद से लोकल साइट सीन करने निकल गए ! जहाँ हमने पालधारा पंचधारा, साक्षी गणपति मंदिर, शिखरेश्वर मंदिर के दर्शन किये !!

नयी साल का पहला दिन हमने श्री सैलम में व्यतीत किया ! और 01 जनवरी 2023 को हम दोपहर में श्रीसैलम से वापिस मरकापुर गए ! वहां से शाम को तिरुपति के लिए ट्रैन था !

02-01-2023 की सुबह हम लोग वापिस तिरुपति गए ! वहां रेलवे के बने रिटायर रूम में हमने रुकने का निर्णय किया ! और वहां कुछ देर आराम करने के बाद हम लोग तिरुपति लोकल घूमने गए ! और तिरुपति से  शाम को 04:00 बजे जयपुर के लिए हमारी ट्रैन थी !

ये सफर ऐसे ख़त्म हुआ !